World Population Day ( विश्व जनसख्या दिवस ) का इतिहास व लेख

आज की इस पोस्ट में हम आपको वर्ल्ड पापुलेशन डे क्या होता है,यह क्यों मनाया जाता है.और विश्व जनसख्या दिवस को मनाने के पीछे क्या इतिहास है आदि की जानकारी देंगे.यदि आप World Population Day Essay in Hindi पढना चाहते है तो यह पोस्ट आपके बहुत काम में आने वाली है.


तो आइये आज की पोस्ट में World Population Day की History के बारे में जानते है की क्यों हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसख्या दिवस मनाया जाता है.

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वर्ल्ड पापुलेशन डे ( विश्व जनसख्या दिवस ) पर लेख व इसका इतिहास 


विश्व भर में बहुत से देश है.कुछ देश विकसित देशो के अन्दर गिने जाते है और कुछ देश विकाशील देशो के अन्दर आते है.सभी देशो की अलग - अलग जरूरते व समस्यायें होती है.सभी देशो को अलग - अलग चुनोतियों का सामना करना होता है.लेकिन कुछ ऐसी समस्याएँ होती है जो बहुत से देशो में एक सी होती है.ऐसी समस्याएँ वैश्विक समस्याएँ कहलाती है.इसी क्रम में बढती आबादी एक वैश्विक समस्या है.बढती आबादी एक ऐसी चुनोती है जिसका सामना विश्व के ज़्यादातर देश कर रहे है.

आज के इस आर्टिकल में हम आपको बढती आबादी के ऊपर बहुत ही ज्ञानवर्धक जानकारी देने वाले है.हर साल 11 जुलाई को World Population Day मनाया जाता है जिसे हम हिंदी में विश्व आबादी दिवस भी कहते है.आज भी 11 जुलाई है यानि की आज वर्ल्ड पापुलेशन डे है.इसे मनाने के पीछे भी कारण है.तो चलिए पहले वह कारण जान लेते है.
आज से लगभग 30 से 35 साल पहले सारे विश्व की कुल आबादी 500 करोड़ का आकड़ा पार कर चुकी थी.तब इस स्थिति को देखते हुए सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र ने वर्ल्ड पापुलेशन डे मनाने की घोषणा की.इसे मनाने के पीछे यह कारण था की बढती आबादी को नियंत्रित करने के ऊपर विचार करना व बढती आबादी से होने वाली समस्याओं का सामना करने के तरीके खोजना.उस समय वर्ल्ड बैंक के सीनियर डेमोग्राफ भारतीय मूल के केरल के रहने वाले प्रोफेसर केसी जकारिया थे उनके सुझाव पर ही संयुक्त राष्ट्र ने 11 जुलाई को विश्व आबादी दिवस मनाने की परम्परा शुरू की थी.इसी कारण हर साल 11 जुलाई को वर्ल्ड पापुलेशन डे पूरे विश्व भर के देशो में मनाया जाता है.

World Population Day मनाने का क्या मकसद है - हर साल यह दिवस मनाया जाता है इसके पीछे कुछ मकसद है जैसे की :-

लोगो को बढती आबादी के बारे में जागरूक करना,जनसँख्या बढ़ोतरी पर नियंत्रण लगाने के लिए उचित कदम उठाना,बढती आबादी से होने वाली समस्याओ का सामना करने के लिए विचार - विमर्श करना,देश में जनसँख्या नियंत्रण करने के लिए लोगो के बीच जाकर लोगो को जागरूक करना

विश्व भर में आबादी बढ़ने के क्या कारण है - पहले मेडिकल साइंस ने बहुत अधिक तरक्की नहीं की थी उस समय बहुत सी महामारियाँ फैल जाती थी जिससे बहुत से लोगो की मौत हो जाती थी.उस समय शिशु मृत्यु दर भी बहुत अधिक थी.जिसका मतलब था की बहुत से नवजात जन्म लेने के बाद ही किसी महामारी की चपेट में आकर मर जाते थे.इस कारण अधिक आबादी में तेजी से बढ़ोतरी नहीं होती थी.

लेकिन आजकल मेडिकल साइंस ने बहुत अधिक तरक्की कर ली है.जिससे शिशु मृत्यु दर में बहुत कमी आयी है और इंसान की औसत आयु भी बढ़कर 60 साल हो गयी है जो आज से 30 साल पहले मात्र 30 साल ही थी.इस कारण भी तेजी से जनसँख्या बढ़ रही है.दूसरा सबसे बड़ा यह कारण है की लोग जागरूक नहीं है.इसी कारण ग्रामीण क्षेत्रों में माता-पिता अधिक संतानों को जन्म दे देते है.क्योकि वे जागरूक व शिक्षित नहीं है.इस कारण भी आबादी बढ़ रही है.इसी कारण पूरे विश्व में आबादी बढ़ रही है.

जनसख्याँ बढ़ने से क्या नुकसान होते है, बढ़ती आबादी के दुष्परिणाम- देश की जनसख्या अधिक बढ़ने से बहुत सी समस्याएँ भी बढ़ जाती है.क्योकि हर देश के पास सीमित संसाधन होते है लेकिन यदि आबादी बढ़ेगी तो संसाधनों का इस्तेमाल करने वाले लोग बढ़ जायेंगे.जिससे सीमित संसाधन जल्दी खत्म हो जाएगी और देश विकास नहीं कर पायेगा.देश में कुपोषण भी फैल जायेगा.इस कारण जनसँख्या बढ़ने से बहुत से दुष्परिणाम हमारे सामने है.

इसके अलावा जनसख्याँ बढ़ाने से लोग अधिक पलायन भी करते है.ग्रामीण इलाको से लोग शहरों की तरफ पलायन करते है जिससे शहरों में जनसख्याँ घनत्व बढ़ता है और रोजगार न मिलने की स्थिति में भुखमरी फैलती है.तो आज 11 जुलाई को वर्ल्ड पापुलेशन डे के मौके पर हम सभी को यह प्रण लेना चाहिए की हम बढती आबादी को रोकने के लिए कदम बढ़ायेंगे और समाज को भी जागरूक करेंगे.

वर्ल्ड पापुलेशन डे ( विश्व जनसख्या दिवस ) और भारत,बढती आबादी की समस्या और भारत ? कैसे करेंगे सामना


हर एक देश को यदि विकसित होना है तो उसे अपने सामने आने वाली ढेरो समस्यों का सामना करना होगा.चूँकि भारत भी एक विकासशील देश है और इसे भी विकसित होना है.लेकिन विकसित देश होने के लिए भारत की सरकार को बहुत सी चुनोतियों का सामना करना पड़ रहा है.इन चुनोतियो में सबसे बड़ी चुनोती है बढती आबादी.यानि की बढती जनसख्याँ.

आप और हम सभी जानते है की पुरे विश्व में चाइना के बाद सबसे अधिक आबादी वाला देश भारत ही है.जिसकी आबादी 130 करोड़ से भी अधिक हो गयी है.और इस स्थिति को यदि नियंत्रित नहीं किया गया तो आने वाले कुछ सालो में हम चाइना को भी जनसख्या के मामले में पीछे छोड़ देंगे.इसका कारण है हमारे देश में जनसख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है.

अब आप में से बहुत से पाठक यह जानना चाहते है की किसी देश की आबादी हद से ज्यादा बढ़ने पर क्या होता है तो चलिए आपको इस सवाल क जबाव देने की कोशिश करते है.

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बढती आबादी से भारत देश को क्या नुकसान हो रहा है,जनसख्या बढ़ोतरी के दुष्परिणाम -

चूँकि भारत विश्व में जनसख्या के मामले में दुसरे स्थान पर है.तो इतनी अधिक जनसख्या का पोषण करना सरकार के लिए भी चुनोती का विषय बन गया है.

किसी देश की आबादी बहुत तेजी से बढ़ने के यह निम्नलिखित दुष्प्रभाव होते है :-

  • जनसख्या बढ़ने से सभी लोगो को रोजगार मिल पाना बहुत मुश्किल होता है.इस कारण ज़्यादातर लोग बेरोजगार रह जाते है.
  • कुपोषण की वजह से बहुत से लोगो की मृत्यु हो जाती है.
  • देश के सीमित संसाधनों का दोहन तेजी से होने लगता है जिससे संसाधन कम हो जाते है.
  • इतनी अधिक जनसख्या को सरकार द्वारा सभी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध करवाने में मुश्किल होती है.
  • ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की तरफ पलायन बढ़ता है जिससे शहरों में आबादी बढती है.
  • महंगाई बढती है.गरीबी बढ़ जाती है.
  • महामारी फैलने का खतरा बना रहता है.
  • देश की विकास दर कम हो जाती है.

जो हमने आपको ऊपर सभी बढती आबादी के दुष्परिणाम बताये है भारत देश भी इन्ही का सामना कर रहा है.बढती आबादी एक ऐसी समस्या है जो पुरे देश के विकास के मार्ग में बाधा बन रही है.

इस कारण सरकार को जनसख्या को नियंत्रित करने के लिए बहुत से कठोर कदम उठाने चाहिए.जिससे भारत देश में बढती आबादी को रोका जा सके.

बढती आबादी को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाये जाने कदम,बढती आबादी को भारत में कैसे रोके ?

सरकार बढती आबादी को रोकने के लिए समय - समय पर बहुत से कदम उठाती है.जैसे की -

1 - नसबंदी - सरकारी होस्टपिट्लो में नसबंदी मुफ्त में की जाती है.जिसमे पुरष व महिला नसबंदी करवा सकती है.

2 - सरकार द्वारा हम दो हमारे दो का नारा बुलंद किया गया है.जिसमे नवविवाहित जोड़ो को 2 संतानों के फायदों के बारे में जानकारी दी जाती है.

3 - सरकार द्वारा लोगो को समय - समय पर जनसंख्या नियंत्रण के बारे में जागरूक किया जाता है.

4 - सरकार लोगो को शिक्षा के माध्यम से भी जागरूक करने की कोशिश कर रही है जिसमे बच्चो के विद्यालय पाठ्यक्रम में कुछ ऐसे पाठ जोड़े गये है जो बढती आबादी की समस्या पर आधारित है.

5 - शायद बहुत जल्द सरकार भारत में भी चीन की तरह जनसख्या नियंत्रण कानून बना दे.जिससे जनसँख्या बढ़ोतरी पर लगाम लगायी जा सके.

आज 11 जुलाई है यानि की वर्ल्ड पापुलेशन डे है.हमे भी यह शपथ लेनी चाहिए की हम भी बढती आबादी को रोकने के लिए सरकार के कदम के साथ कदम मिलायेगें.यदि यह पोस्ट आपको अच्छी लगी है तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर ज़रूर करे.

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